ख़ामोश सा हो चुका हूँ मै
क्या मेरा वजूद उसके साथ जरूरी था
आज याद करता हूं खुदको
उसका साथ में याद आना जरूरी था
मिल जाऊ अगर मैं खुदको आज भी
क्या कल मेरा मरना उसके लिए जरूरी था
ले आऊं मैं अपने आप को फिर से
क्या उसकी याद का साथ आना जरूरी था
तकलीफें तो आई थी साथ मग़र
क्या उसका साथ बीच में छोड़ कर बिछड़ जाना जरूरी था
क्या उसका भगवान के पास जाना जरूरी था?
Naveen grover