नज़र के सामने है पर नज़र में आ नहीं सकता
ये राज़-ए-हक़ बिना मुरशद कोई दिखला नहीं सकता 

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मनधीर ” हीर “

ख़ामोश सा हो चुका हूँ मै
क्या मेरा वजूद उसके साथ जरूरी था

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Naveen Grover

तुम जो हो साथ ,
ये बारिश की बूंदें भी नशीली शराब है

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-लता सिंह ‘सर्वप्रिया’